अब किसानों को फसल नुकसान पर मिल रहा 75% तक का मुआवजा, आवेदन करें फसल बीमा योजना – PM Fasal Bima Yojana

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देशभर में मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है और इसका सीधा असर खेती पर देखने को मिल रहा है। कहीं बेमौसम बारिश तो कहीं ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। इन हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बड़ा कदम उठाया है। किसानों को अब फसल नुकसान पर 75% तक मुआवजा दिया जा रहा है। अगर आपने अब तक इस योजना का लाभ नहीं उठाया है, तो यह मौका आपके लिए है।

सरकार ने लिया बड़ा फैसला

खेती से जुड़े जोखिमों को देखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में संशोधन कर मुआवजे की सीमा बढ़ाई है। पहले किसानों को नुकसान पर सीमित सहायता मिलती थी, लेकिन अब फसल के नुक़सान का आकलन ग्राम स्तर पर होगा और तदनुसार अधिकतम 75% तक मुआवजा दिया जाएगा। इससे सीधे तौर पर छोटे और सीमांत किसानों को राहत मिलेगी, जो प्राकृतिक आपदा के सामने सबसे ज़्यादा असुरक्षित होते हैं।

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मिलेगा पांच लाख रुपये तक का फ्री इलाज

फसल बीमा योजना से जुड़े किसानों को अब स्वास्थ्य बीमा से भी जोड़ा गया है। किसी आपदा की स्थिति में अगर किसान या उसका परिवार घायल होता है, तो उन्हें पांच लाख रुपये तक का फ्री इलाज मिल सकता है। यह सुविधा कई राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है और इसे जल्द ही देशभर में लागू किया जा सकता है। इसका उद्देश्य है कि सिर्फ फसल ही नहीं, बल्कि किसान की ज़िंदगी भी सुरक्षित रहे।

कुदरत से हुए नुकसान की भरपाई

पिछले कुछ वर्षों में कुदरती आपदाएं आम होती जा रही हैं – ओलावृष्टि, बाढ़, सूखा या बेमौसम बारिश। इन आपदाओं की वजह से खेती-किसानी को भारी नुकसान होता है। फसल बीमा योजना किसानों को इसी तरह की अनिश्चितताओं से सुरक्षा देती है। 2024 की खरीफ सीजन में कई जिलों में 60% तक फसल बर्बाद हुई, लेकिन बीमा योजना की वजह से किसान अब इस नुकसान की भरपाई पा रहे हैं।

₹2852 करोड़ की बड़ी राहत राशि

सरकार ने इस बार कुल ₹2852 करोड़ की राशि बीमा भुगतान के लिए स्वीकृत की है। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जा रही है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि किसानों को भी भरोसा मिला है कि उन्हें समय पर राहत मिलेगी। अब तक लाखों किसान इस योजना का लाभ उठा चुके हैं और नए सीजन के लिए आवेदन भी शुरू हो चुके हैं।

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भुगतान के लिए जरूरी बातें

मुआवजे के लिए आवेदन करते समय किसान के पास आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, भूमि अभिलेख और फसल की जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा, जिन किसानों ने पहले से बीमा कराया है, उन्हें किसी आपदा के 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट करना जरूरी है। सरकारी पोर्टल या नजदीकी CSC केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है।

गाँवों में लौटेगी आर्थिक सक्रियता

मुआवजा मिलने से ग्रामीण इलाकों में फिर से आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार बढ़ेगी। जिन किसानों को पहले भारी नुकसान झेलना पड़ता था, अब वे राहत राशि से दोबारा खेती में निवेश कर पा रहे हैं। बीज, खाद और अन्य संसाधन खरीदने की क्षमता बढ़ी है, जिससे खेती का चक्र फिर से सक्रिय हो रहा है। यही वजह है कि यह योजना अब केवल बीमा नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का जरिया बन रही है।

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