Maiya Samman Yojana सरकार ने राज्य की महिलाओं की आर्थिक मजबूती और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने ₹2500 की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाती है। हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना की 11वीं किस्त जारी कर दी है, जिससे 52 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ दिया जा चूका है।
11वीं किस्त की राशि जारी
राज्य सरकार ने 28 जुलाई 2025 से 12 प्रमुख जिलों की पात्र महिलाओं के बैंक खातों में ₹2500 की 11वीं किस्त ट्रांसफर कर दी है। इस कदम से लाभार्थी महिलाएं रक्षाबंधन जैसे त्योहारों को खुशी के साथ मना रही हैं और अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी कर रही हैं। सरकार का उद्देश्य है कि इस सहायता से महिलाएं छोटी-बड़ी आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनें और अपने परिवार की देखभाल बेहतर तरीके से कर सकें।
योजना का उद्देश्य और लाभ
Maiya Samman Yojana का मुख्य उद्देश्य झारखंड की गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता देकर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की आयु की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹2500 प्रदान किया जाता है। यह राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और राशि समय पर पहुंचती है।
किन महिलाओं को मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ वही महिलाएं उठा सकती हैं जो झारखंड की स्थायी निवासी हों और जिनकी आयु 18 से 50 वर्ष के बीच हो। इसके साथ ही, उनका बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक होना जरूरी है। बिना आधार लिंक के, खाते में राशि ट्रांसफर नहीं हो पाएगी।
स्टेटस ऐसे चेक करें
लाभार्थी महिलाएं अपने भुगतान की स्थिति ऑनलाइन भी जांच सकती हैं। इसके लिए उन्हें Maiya Samman Yojana की आधिकारिक वेबसाइट mmmsy.jharkhand.gov.in पर जाना होगा। वहां राशन कार्ड संख्या या आधार कार्ड नंबर दर्ज करके आसानी से पता लगाया जा सकता है कि किस्त की राशि उनके खाते में आई है या नहीं। इसके अलावा, पंचायत स्तर पर भी स्टेटस जांच की सुविधा उपलब्ध है।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर उठाया बड़ा कदम
Maiya Samman Yojana न सिर्फ वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह योजना लाखों महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है, जिससे वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र होकर समाज में अपनी भूमिका को और मजबूत बना रही हैं।